जयशंकर प्रसाद जी का जीवन परिचय
जीवन परिचय जयशंकर प्रसाद जी का जन्म काशी के सम्पन्न वैश्य परिवार में सन् 1890 ई० में हुआ था। इनके बचपन में ही इनके पिता तथा बड़े भाई स्वर्गवासी हो गए थे। इनके दादा जी का नाम शिवरत्न साहू पिता का नाम देवी प्रसाद तथा बड़े भाई का नाम शम्भूूरत्न था।परिणामतः अल्पावस्था में ही लाड़-प्यार सेे पले प्रसादजी को घर का सारा वहन करना पड़ा। इन्होने स्कूली शिक्षा छोड़कर घर पर ही अंग्रेजी,हिन्दी,बांग्ला तथा संस्कृत भाषा का ज्ञान प्राप्त किया। अपने पैतृक कार्य को करते हुए भी इन्होने अपने अन्दर काव्य प्रेरणा को जीवित रखा। इनका जीवन बहुत सरल था। ये सभा सम्मेलनों की भीड़ से बहुत दूर रहा करते थे। ये शिव के उपासक थे। 'कामायनी' पर इनको हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने 'मंगलाप्रसाद पारितोषिक' पुरूष्कार प्रदान किया गया था। अत्यधिक श्रम तथा जीवन के अंतिम दिनो में राजयक्ष्मा रोग से पीड़ित होने के कारण 14 नवम्बर सन् 1937 ई० में 47 वर्ष की अल्पायु में ही प्रसाद जी का स्वर्गवास हो गया। कृतियाँ
(1) कामायनी (2) लहर (3) झरना (4) कंकाल (5) आँसू (6) छाया (7) तितली (8) स्कन्दगुप्त आदि इनकी प्रमुख कृतियाँ है।
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